बिन तेरे जिंदगी हमे न गंवारा है
दोस्तों,
एक मौलिक ग़ज़ल आपकी मुहब्बतों के हवाले,,!!
ग़ज़ल
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यह दिल हमारा अब तुम्हारा है,
रखना संभाल ये बड़ा प्यारा है।
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तमन्ना बहुत रही दिल में हमारे,
ये दिल तुम्ही को मगर हारा है।
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एक तुम थे जो ख़्यालो में रहते,
था सबर हमे तुम्हारा सहारा है।
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अफ़सोस फ़कत ये फसाना था,
हम जान बैठे वफ़ा का इशारा है
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शोख़िया,मदमस्तियाँ सब छोड़ी,
बिन तेरे जिंदगी हमे न गंवारा है
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ज़ीस्त में न साथ ‘जैदि’ तुम्हारा,
तुम्हे चाहने का कसूर हमारा है।
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मायने:-
फ़कत:-केवल
शोख़िया:-चंचलता
ज़ीस्त:-जिंदगी
शायर:-“जैदि”
डॉ.एल.सी.जैदिया “जैदि’