बिन आग के तुम आग लगा देती –आर के रस्तोगी
बिन आग के तुम आग लगा देती |
बिन पानी के तुम इसे बुझा देती ||
सीखा है कहाँ से तुमने ये हूनर |
मुझको भी जरा तुम सिखा देती ||
लग जाती तन बदन में आग पहले ही ,
अगर मै पहले तुम्हे दीदार दिखा देती ||
लग जाती अगर आग दीदार दिखाने से |
तुम आईने में पहले आग लगा देती ||
कहते हो बात आईने में आग लगाने की |
मै तो बहते पानी में भी आग लगा देती ||
कर लेते दीदार तुम पानी बहने से पहले |
मै तो तुम्हे पहले ही पानी पानी कर देती ||
रस्तोगी कहता है ये बहस बंद करो तुम |
ये रिश्ता ऐसा है,कुदरत पहले बना देती ||
आर के रस्तोगी
गुडगाँव (हरियाणा)
मो 9971006425