बिन अनुभव कैसा विश्वास
जैसे ही उसने,
जेब में हाथ अपना डाला,
तुरंत पकडते हुए ….
मैं बोला !
मैंने पहचान लिया !!
आगे पडताल पुलिस करेगी
.
वो बोला बाबू जी !
पुलिस को क्या पडी है !!
जो आपके और मेरे बीच में पड़ेगी !
जो उसे सहेज लेगा !
उसके साथ वो खड़ी है,
.
इंसान का चोला पहनकर,
लोग यहां …
इंसानियत को चूना लगा रहे हैं,
हमने जरा सा
जेब में हाथ क्या डाला,
सामने पुलिस खड़ी है,
.
इस देश में न जाने
कितने शैतान
प्रजातंत्र की जेब टटोल रहे हैं.
ऊपर से भारत माता की जय
बोल रहे हैं.
.
इसीलिए अपने हाल पर हंसो,
देश की चाल पर हंसो
कह दो देश के ठेकेदारों को
जनता के आंसू निरंतर भुनाते रहें
शर्म से अपना सिर झुकाकर,
जन !गण !! मन !!! गाते रहें।