बिना लाभ-हानि
बिना लाभ-हानि
मोहब्बत
न अपेक्षा करती
न उपेक्षा करती
सिर्फ और सिर्फ
करती है समर्पण
देती है कुर्बानी
बिना लाभ-हानि का
विचार किए ।
-विनोद सिल्ला
बिना लाभ-हानि
मोहब्बत
न अपेक्षा करती
न उपेक्षा करती
सिर्फ और सिर्फ
करती है समर्पण
देती है कुर्बानी
बिना लाभ-हानि का
विचार किए ।
-विनोद सिल्ला