बिना राम कोई सहारा नही है
**बिना राम कोई सहारा नही है**
**************************
*****122 122 122 122****
**************************
बिना राम कोई सहारा नहीं है,
जगत में न कोई हमारा नही है।
हुए आज रावण बहुत से यहाँ पर,
सियाराम रघुनाथ साया नहीं है।
लगी दांव पर आबरू नार साँई,
पवनपुत्र रक्षक सा सितारा नही है।
बगल साथ छूरी जपे राम मुख से,
दिखे भक्त कोई गवारा नहीं है।
लखन सा दिखे है धरा पर न भाई,
भरत शत्रु सहोदर निभाया नही है।
जहां में रहा है तमस खूब छाया,
रहा अब सफर ये सुहाना नहीं है।
**************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)