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29 Mar 2021 · 1 min read

बिना प्रेम जीवन नहीं, रब का यही उसूल

बिना प्रेम जीवन नहीं, रब का यही उसूल
होली खेलो प्रेम से, छोड़ो ऊल जलूल
द्वेष अज्ञान आवेश बस, हो गई हो जो भूल
चुभा दिए हों हृदय में, वाणी से कोई शूल
होली का त्यौहार है, प्रिय सब जाओ भूल
मिटा सभी शिकवे गिले, दो प्रेम प्रीत के फूल
बिना प्रेम जीवन नहीं, रब का यही उसूल

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 252 Views
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