^बिना पंखे के नहीं सोऊंगा……!!!!
“”जीवन निर्वाह करना कितना कठिन है मैंने देखा है उन झोपड़ियों में,
कीचड़ से सने मांओं के दामन में ।
हमलोग तो शायद गर्मी में बिना पंखे के रह ही नहीं पाएंगे लेकिन उनलोगो को मैंने देखा है तपती हुई धूप में निर्बाध जीवन व्यतीत करते हुए।
आपके हौसले को मै बिमल रजक सत् सत् नमन करता हूं।
और ईश्वर से कामना करता हूं कि आपके कष्टों को थोड़ा कम करें।