बिना जिसके न लगता दिल…
बिना जिसके न लगता दिल समझ लेना मुहब्बत है।
अदब जिसका हुआ सच्चा बड़ी अच्छी मुहब्बत है।।
किसी की याद में ग़ुम जब इबादत से हुआ करते।
रहे हर हाल में ख़ुश वो यही दिल से दुवा करते।
मुहब्बत की मुहब्बत पर अगर ऐसी इनायत है।
अदब जिसका हुआ सच्चा बड़ी अच्छी मुहब्बत है।।
किसी का साथ भाए तो कोई रिश्ता बना मानो।
किसी पर प्यार आए तो कोई नाता तना मानो।
नहीं है चाँदनी को चाँद से अगर शिक़ायत है।
अदब जिसका हुआ सच्चा बड़ी अच्छी मुहब्बत है।।
वही अपना वही सपना ग़मों में काम आ जाए।
खुलें आँखें नज़र चेहरा ज़िग़र में नाम आ जाए।
रुहानी रात दिन ‘प्रीतम’ लगे जिससे जो राहत है।
अदब जिसका हुआ सच्चा बड़ी अच्छी मुहब्बत है।।
आर. एस. ‘प्रीतम’