Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Oct 2022 · 1 min read

बिना चुकाया हुआ।

मोहब्बत तो बाकी है, अभी हर शिकस्त बाकी है।

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 2 Comments · 101 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वैवाहिक चादर!
वैवाहिक चादर!
कविता झा ‘गीत’
मेरे दिल ने देखो ये क्या कमाल कर दिया
मेरे दिल ने देखो ये क्या कमाल कर दिया
shabina. Naaz
मैं नारी हूं...!
मैं नारी हूं...!
singh kunwar sarvendra vikram
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
Rj Anand Prajapati
जो भूल गये हैं
जो भूल गये हैं
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
हैरान था सारे सफ़र में मैं, देख कर एक सा ही मंज़र,
हैरान था सारे सफ़र में मैं, देख कर एक सा ही मंज़र,
पूर्वार्थ
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
लोकसभा बसंती चोला,
लोकसभा बसंती चोला,
SPK Sachin Lodhi
वीर वैभव श्रृंगार हिमालय🏔️⛰️🏞️🌅
वीर वैभव श्रृंगार हिमालय🏔️⛰️🏞️🌅
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
She was the Mother - an ode to Mother Teresa
She was the Mother - an ode to Mother Teresa
Dhriti Mishra
मज़दूर
मज़दूर
Shekhar Chandra Mitra
संकट..
संकट..
Sushmita Singh
जब भी दिल का
जब भी दिल का
Neelam Sharma
लड़की कभी एक लड़के से सच्चा प्यार नही कर सकती अल्फाज नही ये
लड़की कभी एक लड़के से सच्चा प्यार नही कर सकती अल्फाज नही ये
Rituraj shivem verma
*
*"सरहदें पार रहता यार है**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आमदनी ₹27 और खर्चा ₹ 29
आमदनी ₹27 और खर्चा ₹ 29
कार्तिक नितिन शर्मा
कथित साझा विपक्ष
कथित साझा विपक्ष
*Author प्रणय प्रभात*
ख़ून इंसानियत का
ख़ून इंसानियत का
Dr fauzia Naseem shad
चुप रहना भी तो एक हल है।
चुप रहना भी तो एक हल है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
“ कौन सुनेगा ?”
“ कौन सुनेगा ?”
DrLakshman Jha Parimal
विरहणी के मुख से कुछ मुक्तक
विरहणी के मुख से कुछ मुक्तक
Ram Krishan Rastogi
3292.*पूर्णिका*
3292.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पिता
पिता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
शृंगार छंद
शृंगार छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
Shashi Dhar Kumar
चीरहरण
चीरहरण
Acharya Rama Nand Mandal
जन्म से
जन्म से
Santosh Shrivastava
कबीर एवं तुलसीदास संतवाणी
कबीर एवं तुलसीदास संतवाणी
Khaimsingh Saini
कभी-कभी ऐसा लगता है
कभी-कभी ऐसा लगता है
Suryakant Dwivedi
Loading...