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4 May 2024 · 1 min read

बिटिया

बिटिया!

बिटिया!
सुनना सबकी
सुन कर गुनना भी
पर करना वही
जो तुम्हें स्व विवेक से
उचित लगे,
किसी के भी
अधूरे सपनों को
पूरा करने का भार
कभी अपने कन्धों पर
मत उठाना,
अपने लिए
सपने स्वयं देखना
स्वेटर के नए नमूने की तरह
सर्दी की कुनकुनी धूप में
बैठ कर मुस्कुराते हुए
सपने बुनना,
जानती हो
जब अपने देखे
सपने पूरे होते हैं
तो उनकी खनक
दूर-दूर तक सपने देख रही
बेटियों के मन में
उजास भरती है
उन्हें खुले आसमान में
उड़ने के लिए पंख देती है,
अपने हिस्से का
आसमान पाने के लिए
तुम हर बेटी के मन की
आवाज बनना
मार्ग में आने वाले
संकटों का समाधान बनना,
एक बेटी
जब दूसरी बेटी के लिए
आगे कदम बढ़ाएगी
तब देश की हर बेटी
अपने इच्छित क्षेत्र में
नया इतिहास बनाएगी।
——————————————
#डॉभारतीवर्माबौड़ाई

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