बिटिया रानी तुम कभी भी कमजोर न पड़ना,
बिटिया रानी तुम कभी भी कमजोर न पड़ना,
गौरी का रूप हो पर वक्त आने पर चंडी बनना।
गिद्ध घूम रहे हैं गली गली और शहर में माना,
बुन दिया है हर जगह खौंफ का ताना बाना,
दिन ढ़लते ही बंद हो जाती है घरों में बेटियाँ,
डर से बन न जाएं कहीं किसी शिकारी का निशाना,
सीखना हैं तुम्हे अब इन शिकारियों के फन कुचलना।
बिटिया रानी तुम कभी भी कमजोर न पड़ना,
गौरी का रूप हो पर वक्त आने पर चंडी बनना।
न ही अबला,न ही दुर्बल, न ही बेचारी नारी,
ईश्वर ने दी हैं उसको स्रष्टि रचने की जिम्मेदारी,
नौ रूप समाए देवी के उसमें ,वो है शक्तिशाली,
धरा रूप काली का जब भी,प्रलय आएगी भारी,
काली बनकर रक्तबीज का संहार तुम्हें है करना।
बिटिया रानी तुम कभी भी कमजोर न पड़ना,
गौरी का रूप हो पर वक्त आने पर चंडी बनना।
By:Dr Swati Gupta