बिजलियाँ गिराने वाली है
किसी एक रिश्ते में बंधकर मत रह जाइएगा
ये उमर तो आपकी बिजलियाँ गिराने वाली है
औरों के साथ ही सही मौका हमें भी मिले
हमारे दिल का भी इक कमरा अभी खाली है
अभी तो कितनो के नसीब में है लूटना लिखा
थकना मना है अभी उमर भी ये बाली है
हमारी ज़िदगी बन गई मज़ाक, लोग हैरान हैं
औरों के लतीफों पर ठहाका और ताली है
हम ख़ुद को लुटा दिए हैं जिनके वास्ते
उनके होठों पर भी हमारे लिए गाली है
आज कल आदमी को आदमी से खतरा है
फूलों की निगरानी में यहाँ कैसा माली है
~विनीत सिंह