बिछुड़न की बेला
चाँदनी रात
फिर भी चाँद उदास सा
बिन बादल बरसात सा
चहुं ओर फैली है उजियारी
फिर भी दीपक तले अंधियारा
है बिछुड़न की बेला
एक राग -एक साज का ।
चाँदनी रात
फिर भी चाँद उदास सा
बिन बादल बरसात सा
चहुं ओर फैली है उजियारी
फिर भी दीपक तले अंधियारा
है बिछुड़न की बेला
एक राग -एक साज का ।