Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2023 · 1 min read

बिछड़ा हो खुद से

(11)
बिछड़ा हो खुद से, वो मिलता कहां है।
पत्थर हो दिल से, वो पिघलता कहां हैं।।

किसी हाल में इसको खोने न देना।
सिरा जिंदगी का मिलता कहां हैं ।।

कोई भी मरहम असर न करेगा ।
रूह का ज़ख्म है ,भरता कहा है ।।

भरम तोड़ देगी कोशिश तुम्हारी ।
मुकद्दर से ज़्यादा मिलता कहां हैं ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
12 Likes · 210 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
यादों के बीज बिखेर कर, यूँ तेरा बिन कहे जाना,
यादों के बीज बिखेर कर, यूँ तेरा बिन कहे जाना,
Manisha Manjari
कोई तो डगर मिले।
कोई तो डगर मिले।
Taj Mohammad
घनाक्षरी
घनाक्षरी
surenderpal vaidya
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
इशरत हिदायत ख़ान
तुम वह सितारा थे!
तुम वह सितारा थे!
Harminder Kaur
अंदाज अपना क्यों बदलूँ
अंदाज अपना क्यों बदलूँ
gurudeenverma198
नहीं होते यूं ही रिश्तें खत्म
नहीं होते यूं ही रिश्तें खत्म
Seema gupta,Alwar
अंतहीन प्रश्न
अंतहीन प्रश्न
Shyam Sundar Subramanian
सुनता जा शरमाता जा - शिवकुमार बिलगरामी
सुनता जा शरमाता जा - शिवकुमार बिलगरामी
Shivkumar Bilagrami
माटी के रंग
माटी के रंग
Dr. Kishan tandon kranti
जिन्दगी हमारी थम जाती है वहां;
जिन्दगी हमारी थम जाती है वहां;
manjula chauhan
स्वागत है  इस नूतन का  यह वर्ष सदा सुखदायक हो।
स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
तुम-सम बड़ा फिर कौन जब, तुमको लगे जग खाक है?
तुम-सम बड़ा फिर कौन जब, तुमको लगे जग खाक है?
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
पाती
पाती
डॉक्टर रागिनी
Kya ajeeb baat thi
Kya ajeeb baat thi
shabina. Naaz
कौन हुँ मैं?
कौन हुँ मैं?
TARAN VERMA
वक़्त होता
वक़्त होता
Dr fauzia Naseem shad
शहनाई की सिसकियां
शहनाई की सिसकियां
Shekhar Chandra Mitra
अध्यात्म चिंतन
अध्यात्म चिंतन
डॉ० रोहित कौशिक
कोई मंझधार में पड़ा है
कोई मंझधार में पड़ा है
VINOD CHAUHAN
अम्बर में अनगिन तारे हैं।
अम्बर में अनगिन तारे हैं।
Anil Mishra Prahari
आत्मघाती हमला
आत्मघाती हमला
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
4350.*पूर्णिका*
4350.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
औरों की बात मानना अपनी तौहीन लगे, तो सबसे पहले अपनी बात औरों
औरों की बात मानना अपनी तौहीन लगे, तो सबसे पहले अपनी बात औरों
*प्रणय*
जिंदगी को बोझ मान
जिंदगी को बोझ मान
भरत कुमार सोलंकी
राम पर हाइकु
राम पर हाइकु
Sandeep Pande
ग़ज़ल __
ग़ज़ल __ "है हकीकत देखने में , वो बहुत नादान है,"
Neelofar Khan
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
Loading...