Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Oct 2024 · 1 min read

बिखर रही है चांदनी

कुण्डलिया
~~~~
बिखर रही है चांदनी, देखो चारों ओर।
सुन्दरता से भर गया, प्रकृति का हर छोर।
प्रकृति का हर छोर, सरोवर नदिया उपवन।
क्रीड़ारत हैं हंस, मोह लेते सबके मन।
कहते वैद्य सुरेन्द्र, दिशाएं निखर रही है।
रजत किरण हर ओर, देखिए बिखर रही है।
~~~~
अति मनभावन दृश्य है, मन में जगे उमंग।
शरद काल की पूर्णिमा, धवल चांदनी संग।
धवल चांदनी संग, चान्द नभ पर आया है।
हंस युगल अब खूब, झील में भरमाया है।
लहर उठी हर ओर, हृदय का बढ़ता स्पंदन।
देख रहे सब लोग, चन्द्रमा अति मनभावन।
~~~~
अपने अपने ढंग से, सब करते संवाद।
और संस्मरण स्नेह के, कर लेते हैं याद।
कर लेते हैं याद, बात आगे बढ़ पाती।
इसी तरह से नित्य, जिंदगी बीती जाती।
कहते वैद्य सुरेन्द्र, सत्य होते जब सपने।
बातचीत में खूब, सुनाते अनुभव अपने।
~~
हर प्राणी में आपसी, होते वार्तालाप।
और मिटा करते सहज, जीवन के संताप।
जीवन के संताप, जिन्दगी एक पहेली।
अनसुलझी हर बार, लगा करती अलबेली।
कहते वैद्य सुरेन्द्र, भाव प्रकटाती वाणी।
निज भाषा संकेत, लिए रहता हर प्राणी।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य

1 Like · 1 Comment · 33 Views
Books from surenderpal vaidya
View all

You may also like these posts

माँ वीणावादिनी
माँ वीणावादिनी
Girija Arora
दूहौ
दूहौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
🙏 🌹गुरु चरणों की धूल🌹 🙏
🙏 🌹गुरु चरणों की धूल🌹 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
वक्त भी कहीं थम सा गया है,
वक्त भी कहीं थम सा गया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"हूक"
Dr. Kishan tandon kranti
आए हैं फिर चुनाव कहो राम राम जी।
आए हैं फिर चुनाव कहो राम राम जी।
सत्य कुमार प्रेमी
श्री राम !
श्री राम !
Mahesh Jain 'Jyoti'
3163.*पूर्णिका*
3163.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बहराइच की घटना पर मिली प्रतिक्रियाओं से लग रहा है कि लोहिया
बहराइच की घटना पर मिली प्रतिक्रियाओं से लग रहा है कि लोहिया
गुमनाम 'बाबा'
🙅सन-डे इज फ़न-डे🙅
🙅सन-डे इज फ़न-डे🙅
*प्रणय*
विश्व हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
विश्व हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Lokesh Sharma
संतोष
संतोष
Manju Singh
नज़रें बयां करती हैं,लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
नज़रें बयां करती हैं,लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
Keshav kishor Kumar
मुझसे गलतियां हों तो अपना समझकर बता देना
मुझसे गलतियां हों तो अपना समझकर बता देना
Sonam Puneet Dubey
यथार्थ
यथार्थ
Shyam Sundar Subramanian
मेरागांव अब बदलरहा है?
मेरागांव अब बदलरहा है?
पं अंजू पांडेय अश्रु
जीता जग सारा मैंने
जीता जग सारा मैंने
Suryakant Dwivedi
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।।
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।।
Abhishek Soni
शाम
शाम
Kanchan Khanna
बैठे-बैठे यूहीं ख्याल आ गया,
बैठे-बैठे यूहीं ख्याल आ गया,
Sonam Pundir
मेरी स्मृति...
मेरी स्मृति...
NAVNEET SINGH
डाॅ. राधाकृष्णन को शत-शत नमन
डाॅ. राधाकृष्णन को शत-शत नमन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
अलाव की गर्माहट
अलाव की गर्माहट
Arvina
नव निवेदन
नव निवेदन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शराब
शराब
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
उदास राहें
उदास राहें
शशि कांत श्रीवास्तव
*Rising Waves*
*Rising Waves*
Veneeta Narula
धीरे-धीरे ला रहा, रंग मेरा प्रयास ।
धीरे-धीरे ला रहा, रंग मेरा प्रयास ।
sushil sarna
इतना भी ख़ुद में कोई शाद अकेला न रहे,
इतना भी ख़ुद में कोई शाद अकेला न रहे,
Dr fauzia Naseem shad
Loading...