बिकने लगा ईमान
मेरा अब देश में दम घुटने लगा हैं
जहां हर इक का ईमान अब बिकने लगा है।
हर रोज कोई प्रान्त आरक्षण में जलता है
फिर भी जवानो का खून नही उबलता हैं।
जहाँ 40 प्रतिशत वाला अफसर बन अधिकार जताता है
और 80 प्रतिशत वाला दर दर की ठोकर खाता है।
जहा रुपयों में डिग्रीयां अब बिकने लगी है
और देश की जडे हिलने लगी हैं।
जहा पांचवी पास देश का नेता बन जाता है
और पढ़े लिखे अधिकारी को सही और गलत बताता है।
जहा हरजगह भ्रस्टाचार का बोलबाला है
जहा देश के नेताओ का धर्म ही घोटाला है।
कैसे कहू कि अब हौसला टूटने लगा है।
मेरा इस देश में अब दम घुटने लगा हैं।।