बाढ़
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जब हो भारी मात्रा में पानी अतिप्रवाह
जन जीवन बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में हो तबाह
अत्याधिक बरसात से हो पानी सरोबार
निकासी के अभाव में सर्वत्र जल प्रवाह
स्थान जो नदियों के जितना होता पास
वहाँ पर अत्याधिक होता है अतिप्रवाह
गांव हौ या शहर जहाँ आ जाती है बाढ़
घर बार सब बह जाए,मृत मवेशी गवाह
बाढ़ प्रभावित क्षेक्ष में कामकाज ठप्पा
आवागमन के रास्तों में जल भरे अथाह
वनस्पति,जीवों को भारी भरकम हानि
हाल बेहाल बद से बदत्तर बिन परवाह
सरकार को करनी चाहिए बाढ़ रोकथाम
ईजाद तौरतरीके से जल हो उत्तम प्रवाह
मलेरिया,डेंगू बीमारियों का हो आगमन
खाद्य आपूर्ति बंद से मुश्किल हो निर्वाह
मनसीरत जान माल का भारी नुकसान
जन जानवर जान से जाएं हो बेपरवाह
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)