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29 Jan 2017 · 1 min read

*** बावळी ****

आ बावळी लुगाई इण ने कुण समझावे
मिनख ने समझण सूं रहेगी आपने समझावण सूं
आ लुगाई बावळी इण ने समझावण वाळो हारे
मिनख समझा समझा हारयो पण आ कद माने
लाड करे है मोकळो जान निछावर आपणी
पण मने नई धण बात समझायां बाप री
मिनख करे है लाड जद आ माथे चढ़ नाचे है
आँख दिखावे लाल जद आ पांव पकड़ न दाबे है
आ बावळी लुगाई इण न कुण समझावे
मोकळो करे है लाड पिउजी इण धण ने
पण आज क्यूं भूले है धण पति सेवा रे पण ने
समझ जा लुगाई स्याणी क्यूं बणे है बावळी
मिनखां में राखे मिनख री जद तूं बण सी सावळी
आ लुगाई बावळी इण ने कुण समझावे ।।
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
493 Views
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