बावरी
मैं बावरी तेरी सांवरिया ,सुन ले मेरी पुकार
है मेरा अधिकार नहीं तो करूंगी मैं तकरार
करूंगी मैं तकरार तुम्हें आना ही होगा
मुझे समझा कर एक-एक अर्थ बताना होगा
प्रेम मे पड़ मैं मर ना जाऊं,क्या कहूं मैं सांवरी
मैं बैरागन कब तक हूं ,पूंछ रही मैं बावरी ।
चितचोर तेरी स्मृति में,अपना सब कुछ भूली
नही भूल सकी हूं मैं,संग तेरे झूला झूली
संग तेरे झूला झूली, मुग्ध मगन होकर नाची
विश्वास कैसे दिलाऊं हे सखि कह रही मैं सांची
विरह पीडा सही न जाये सुन लो माखनचोर
अब दर्शन दे भी जाओ कृपा करो चितचोर ।