बाल दिवस विशेष ….
बचपन में वो गिल्ली डंडा,
पढ़ने में वो ज़ीरो – अंडा,
खेल – खेल में मिट्टी खाना,
माँ – पापा को रोज़ सताना,
याद है ना, वो बचपन का फ़साना…
बचपन में वो गिल्ली डंडा,
पढ़ने में वो ज़ीरो – अंडा,
खेल – खेल में मिट्टी खाना,
माँ – पापा को रोज़ सताना,
याद है ना, वो बचपन का फ़साना…