*”बाल कृष्ण”*
“बाल कृष्ण”
बाल गोपाल ,
यशोदा नन्दलाल ,
भादो महीना ,
प्रगट अवतार ,
यशोदा बलिहार।
बाजे बधैया ,
मंगल गीत गाये ,
देवकी पुत्र ,
नँदलाल कहाये ,
मोहक छबि ,
खुशियाँ है छाये ,
ब्रज झूमते जाये।
मोर मुकुट ,
पीतांबर शोभित ,
गले मे सोहे ,
वैजंती की माला,
सुंदर नन्दलाला।
माखन मिश्री ,
दूध दही ही भाये ,
मटकी फोड़ ,
वन गौएँ चराये ,
बंशी धुन सुनाये।
केसर टीका,
ललाट पर सोहे ,
बंशी बजावे ,
गलियन में घूमे ,
दही माखन चुराये।
राधे राधे जय श्री कृष्णा।
शशिकला व्यास ✍️