Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2023 · 1 min read

बाल कृष्ण लीला रहस्य

बाल कृष्ण ने लीलाऐं कर,
संदेश सूक्ष्म अति दिये विश्व को,
कृष्ण मुरारी नटवर माधव,
नाम दिये शुचि जनमानस ने।

नवनीत दधि शुचि सार तत्व,
होता ज्यों मात्र दुग्ध का चारु,
माखन दधि की चोरी कर नित,
सार तत्व ईश्वर बतलाया।

मृदा ग्रहण कर अपने श्रीमुख,
संदेश विश्व को दिया अकाट्य,
पंचतत्व निर्मित भौतिक शुचि,
गातांतर्गत यह ब्रह्माण्ड सकल।

धवल चंद्र की माँग पार्श्व में,
मात्र खिलौने सृष्टि के अवयव,
सत्य तथ्य शुचि परमशक्ति ही,
मायावी भंगुर भौतिक सबकुछ।

दैत्यों के वध की अनुपम लीला,
उद्देश्य अवतरण का भूतल पर,
गोपी की मटकियाँ तोड़ना,
संदेश यही संचय मत करना।

–मौलिक एवम स्वरचित–

अरुण कुमार कुलश्रेष्ठ
लखनऊ (उ.प्र.)

Language: Hindi
293 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सफरसाज
सफरसाज
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
कुछ नही मिलता आसानी से,
कुछ नही मिलता आसानी से,
manjula chauhan
हर दफ़ा जब बात रिश्तों की आती है तो इतना समझ आ जाता है की ये
हर दफ़ा जब बात रिश्तों की आती है तो इतना समझ आ जाता है की ये
पूर्वार्थ
मन मोहन हे मुरली मनोहर !
मन मोहन हे मुरली मनोहर !
Saraswati Bajpai
नौकरी
नौकरी
Rajendra Kushwaha
*अविश्वसनीय*
*अविश्वसनीय*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
🙅चलो रायबरेली🙅
🙅चलो रायबरेली🙅
*प्रणय प्रभात*
व्योम को
व्योम को
sushil sarna
हे राम ।
हे राम ।
Anil Mishra Prahari
आवाजें
आवाजें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
हवन - दीपक नीलपदम्
हवन - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
सैनिक
सैनिक
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तुम मुझे भूल जाओ यह लाजिमी हैं ।
तुम मुझे भूल जाओ यह लाजिमी हैं ।
Ashwini sharma
जो भी आते हैं वो बस तोड़ के चल देते हैं
जो भी आते हैं वो बस तोड़ के चल देते हैं
अंसार एटवी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*कविवर श्री हिमांशु श्रोत्रिय निष्पक्ष (कुंडलिया)*
*कविवर श्री हिमांशु श्रोत्रिय निष्पक्ष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*संवेदना*
*संवेदना*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
जन कल्याण कारिणी
जन कल्याण कारिणी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
हैप्पी नाग पंचमी
हैप्पी नाग पंचमी
Ranjeet kumar patre
लेकिन क्यों
लेकिन क्यों
Dinesh Kumar Gangwar
3609.💐 *पूर्णिका* 💐
3609.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दर्पण दिखाना नहीं है
दर्पण दिखाना नहीं है
surenderpal vaidya
"दुखती रग.." हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मैंने जलते चूल्हे भी देखे हैं,
मैंने जलते चूल्हे भी देखे हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिंदगी का सवाल आया है।
जिंदगी का सवाल आया है।
Dr fauzia Naseem shad
" निसार "
Dr. Kishan tandon kranti
जागी जवानी
जागी जवानी
Pt. Brajesh Kumar Nayak
प्राण- प्रतिष्ठा
प्राण- प्रतिष्ठा
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
अरे योगी तूने क्या किया ?
अरे योगी तूने क्या किया ?
Mukta Rashmi
सादगी अच्छी है मेरी
सादगी अच्छी है मेरी
VINOD CHAUHAN
Loading...