Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Sep 2020 · 1 min read

बालात्कार का दर्द

*** बालात्कार का दर्द ***
*********************
बालात्कार का दर्द,
पीड़िता से कहीं ज्यादा,
कौन समझ सकता है,
जिसके शुद्ध तन को,
अज्ञात, नापसंद वहशी,
स्वेच्छा और अनुमति बगैर,
नोच नोच कर गिद्ध की भांति,
अशुद्ध और अधमरा सा,
जिंदा लाश बना देता है,
खेल कर वासना का अंधा,
घिनौना और शर्मनाक खेल,
कर फूल से कोमल और
मलाई से नर्म अंगों को,
क्षत ,विक्षिप्त क्षतिग्रस्त,
जाँघों के बीच माँसलों पर,
कर के घातक से प्रहार,
गुप्तांगों को लहूलुहान,
दे कर जहर सा कड़वा,
कभी न मिटने वाला दर्द,
समाज की नजरों में बनाकर,
चरित्रहीन और बदचलनी,
और शांत कर निज अश्लील,
वासनात्मक इच्छाओं की पूर्ति,
दिखा के पौरुष की तीव्र स्फूर्ति,
भाग जाता है बीच बाजार,
अकेली बदहाल,बदहवान नार,
केवल जीने शेष बदनाम जीवन,
आखरी सांसों तक आजीवन,
करते हैं बड़ी बड़ी जज्बाती बातें,
महिलाओं के बड़े बड़े संगठन,
मर्यादा पुरुषोत्तम पुरुषों के समूह,
बना कर षड्यंत्र और चक्रव्यूह,
सियासतदार भी सेंक जाते है
सियासत की सियासी रोटियाँ,
खा कर पीड़िता की बोटियाँ,
दबा देते हैं बालात्कार के मुद्दे,
और दमन कय देते हैं,
पीड़ता का दर्द और भावनाएँ,
खत्म कर न्याय की संभावनाएँ,
आयोजित कर प्रयोजित,
संगोष्ठियाँ और सभाएँ,
छोड़ जाते हैं दुनिया के पटल पर,
भोगने को विवश कर उम्र भर,
आजीवन बालात्कार का दर्द….।
***************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 221 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

वक्त की किमत
वक्त की किमत
Avani Yadav
*हुआ देश आजाद तिरंगा, लहर-लहर लहराता (देशभक्ति गीत)*
*हुआ देश आजाद तिरंगा, लहर-लहर लहराता (देशभक्ति गीत)*
Ravi Prakash
हिंदी की भविष्यत्काल की मुख्य क्रिया में हमेशा ऊँगा /ऊँगी (य
हिंदी की भविष्यत्काल की मुख्य क्रिया में हमेशा ऊँगा /ऊँगी (य
कुमार अविनाश 'केसर'
स्त्री नख से शिख तक सुन्दर होती है...
स्त्री नख से शिख तक सुन्दर होती है...
पूर्वार्थ
लक्ष्य या मन, एक के पीछे भागना है।
लक्ष्य या मन, एक के पीछे भागना है।
Sanjay ' शून्य'
हायकू
हायकू
Santosh Soni
CompTIA Network+ Certification Training
CompTIA Network+ Certification Training
rojarani
2544.पूर्णिका
2544.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
उस देश का रहने वाला हूं
उस देश का रहने वाला हूं
राकेश पाठक कठारा
■ समझो रे छुटमैयों...!!
■ समझो रे छुटमैयों...!!
*प्रणय*
सख्त बनो
सख्त बनो
Dheerja Sharma
"आखिरी निशानी"
Dr. Kishan tandon kranti
जैसा सोचा था वैसे ही मिला मुझे मे बेहतर की तलाश मे था और मुझ
जैसा सोचा था वैसे ही मिला मुझे मे बेहतर की तलाश मे था और मुझ
Ranjeet kumar patre
पैसा ,शिक्षा और नौकरी जो देना है दो ,
पैसा ,शिक्षा और नौकरी जो देना है दो ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
वो भी क्या दिन थे ...
वो भी क्या दिन थे ...
Abasaheb Sarjerao Mhaske
धरती का बुखार
धरती का बुखार
Anil Kumar Mishra
क़लम, आंसू, और मेरी रुह
क़लम, आंसू, और मेरी रुह
The_dk_poetry
गले लगाना पड़ता है
गले लगाना पड़ता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
इतना क्यों व्यस्त हो तुम
इतना क्यों व्यस्त हो तुम
Shiv kumar Barman
#मेरे पिताजी
#मेरे पिताजी
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
तेरी याद में हम रात भर रोते रहे
तेरी याद में हम रात भर रोते रहे
Jyoti Roshni
छोड़ दो
छोड़ दो
Pratibha Pandey
पारिवारिक समस्या आज घर-घर पहुॅंच रही है!
पारिवारिक समस्या आज घर-घर पहुॅंच रही है!
Ajit Kumar "Karn"
सत्य मंथन
सत्य मंथन
मनोज कर्ण
एक व्यथा
एक व्यथा
Shweta Soni
मनवार
मनवार
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
यह जीवन भूल भूलैया है
यह जीवन भूल भूलैया है
VINOD CHAUHAN
ईश्वर की लीला
ईश्वर की लीला
Sudhir srivastava
सपनों का पीछा करे,
सपनों का पीछा करे,
sushil sarna
खुद के अरमान ,
खुद के अरमान ,
Buddha Prakash
Loading...