बालमन और नटखट यादें
बचपन के वो खिलोने
कन्चे , गिल्ली डंडे,
चपेटे, चक्की और चूल्हा
शादी गुड्डे-गुड़िया की
राधा बनी दुल्हन और
किसन बने है दूल्हा
राधा किसन की
जौडी निराली
लागे सबको
प्यारी प्यारी
नटखट थे कान्हा इतने
परेशान थी गोपियां सारी
वृन्दावन में धूम मचाये
राधा पर खूब इतराए
थाली में जब
चाँद दिखाये यशोदा
बालमन पकड़ने
को ललचाये
बाल हनुमान ने
जब देखा सूरज
फल समझ
उसे खाने जाये
बचपन के हैं
तीन उपहार
दोस्त , खिलौने और
नटखट बाते
नहीं भूले जाते
ये जीवनभर