बारूद के ढ़ेड़ी पर बैसल
बारूद के ढ़ेड़ी पर बैसल
बारूद के ढ़ेड़ी पर बैसल
हम अट्टहास क हंसी रहल छी
मिसायल हमला स उड़ा देब
हम अहाँ के नेस्तनाबूद क देब.
हमरा लक एतेक परमाणु शक्ति अछि
हम अप्पन शक्ति प्रदर्शन केलौहं
हमरा सिमान में उड़ल जहाज के
अपनेमन ड्रोन हमला स उड़ा देब
त्रादसि मचल, निर्दोष मारल गेल
एहि स केकरो की?
सभ अपना परमाणु प्रदर्शन में बेहाल
मानवताक विनाश करै में लागल छि.
हाहाकार मचल, लोक अधमरू भेल
कोन दिसि जाउ सगतरि विनाश
बारूदी अगिलग्गि में लोक उजड़ी गेल
मुदा तइयो हवाई हमला रोकल नहि गेल.
संघर्ष विरामक सप्पत खा के फेर किएक?
गोला बारूद बरसबै छि
अहाँ साम्राज्यवादी पसार दुआरे सगतरि
मानवताक विनाश पर, उतारू भेल छि.
पहिल आ दोसर विश्वयुद्धक भीषण दुष्परिणाम
भोगि चुकल समूचा विश्व
आबो मानवताक रक्षा लेल सचेत भ’ जाउ
कहीं ई तेसर विश्वयुद्धक संकेत, नहि त छि?
कोनौहं विवादक फरिछौठ सभ देश मिली
शांति समझौता सँ कएल करू
गोला बारूद स विनाश टा होएत
किएक नहि एक बेर ई गप सोचैत छि.
कवि- किशन कारीगर
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