बारिस का मौसम है,आओ भीगे सनम –आर के रस्तोगी
बारिस का मौसम है,आओ भीगे सनम
तन की तपन को शीतल कर ले सजन
ये जीवन धीरे से ऐसे ही कट जाएगा
आशाओ के सहारे ऐसे ही कट जाएगा
निराशा न देना तुम मेरे प्यारे सनम
आओ बारिस में भीगे हम तुम सजन
बारिस का मौसम है, …………
मन को न मसोसे कभी हम और तुम
जीवन के राहो में सदा चलते रहे हम
सावन के महीने में अलग रहे न हम
इसका आनन्द सदा लेते रहे अब हम
ये जीवन है पल दो पल का सनम
क्यों न जीये इसको खुशियों के संग
गम कभी न देना मेरे प्यारे सनम
आओ बारिस में भीगे हम और तुम ….
पशु-पक्षी भी खुश है,देखो सनम !
ये भी आनन्द ले रहे बारिस का सनम
मोर भी देखो,कैसे मस्ती में नाच रहे
अपनी मोरनी को कैसे वे लुभा रहे
कोयल भी अब बागो में कूक रही है
मीठी तान को सबको सुना रही है
इनसे से भी कुछ सबक लेले सनम
आओ बारिस में कुछ सुनाये सजन
बारिस का मौसम है ……
चारो तरफ हरियाली छा गई है
धरती भी अब दुल्हन बन गई है
सावन ने सजाया है इसे सब काम छोड़ के
जैसे सोलह श्रृगार आई हो, दुल्हन करके
अब धरा भी जा रही है मिलने गगन से
क्यों न मिलू अब मै अपने सजन से
बारिस में प्यास बुझा लू अपने सनम से
बारिस का मौसम है आओ मिले सजन से ….
घनघोर घटाये घिर आई है गगन में
बिजली भी चमक रही है गगन मै
सूरज भी सो गया है अपनी थकन से
चाँद भी न झांक रहा है उपर गगन से
दिन भी रात बन गया है अब मेरे सजन
अब तो कुछ भी न दिखाई देता है सनम
आओ हम भी सोये आराम से सनम
बारिस का मौसम है आओ भीगे सनम ….
हाथो में रचाई मेहँदी सनम तेरे लिये
बागो में झूले डलवाये बस तेरे लिये
सावन का महीना है त्यौहार तीज का
अवसर मिला है तुम्हे निभाने प्रीत का
सावन में अब सावन के चर्चे नहीं होते
प्रीत निभाने के अब मौके नहीं मिलते
अब तो आ जाओ प्रीत निभाने सनम
बारिस का मौसम है आ जाओ सनम
बारिस का मौसम है आओ भीगे सजन …
आर के रस्तोगी