ग़ज़ल _ मिल गयी क्यूँ इस क़दर तनहाईयाँ ।
जीवन से अज्ञानता का अंधेरा मिटाते हैं
अब फज़ा वादियों की बदनाम हो गई है ,
जुड़ी हुई छतों का जमाना था,
एक पल को न सुकून है दिल को।
if you have not anyperson time
I Haven't A Single Things in My Life
‘1857 के विद्रोह’ की नायिका रानी लक्ष्मीबाई
डॉ निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मूर्ख बनाकर काक को, कोयल परभृत नार।
24/239. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Sometimes a thought comes
Perceive Exams as a festival
रिश्ता - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
शादी के बाद में गये पंचांग दिखाने।