बारिश
हवा का रुख कहीं और
का है या शायद
बादलों की तबियत नासाज़ है
बदला है मौसम का मिजाज
या बरखा का मूड ख़राब है
बस चंद रोज और हमारे सब्र की
आजमाइश होगी
देखिएगा बस कुछ ही दिनों में
बारिश होगी
तालाब होंगे लबालब,
साइफन खुलेंगे
बूंदों की अशफियों से,
पोखरों के खजाने भरेंगे
बाजारों की रौनक छतरियां बनेगी
दीवारों पर सीलन की
चित्र कारी सजेगी
कभी फुहारें, कभी झड़ी,
कभी घनघोर साजिश होगी
देखिएगा बस कुछ ही
दिनों में बारिश होगी
बंद होंगी बर्नियां अचार
कि कसकर
सलीके से रखे जाएंगे
पापड़ के कनस्तर
ओवर टाइम करेगी
चाय की तेरी
नाश्ते में आएगी
गरमा- गरमा जलेबी
सुबह भुट्टे का कीस,
शाम भजिए की फरमाइश होगी
देखिएगा बस कुछ ही दिनों में
बारिश होगी
भीगी सी फिजा में दिल
गुलज़ार होंगे
अनजान चेहरों से पहचान
के त्योहार होंगे
सूनी सड़क पर जब हल्की-
फुल्की बरसात होगी
गुलाबी छतरी से काले
छाते की बात होगी
फुहारों के मौसम में मुहब्बत
की गुंजाइश होगी
लाॅन्च डाइव पर साथ चलने की
ख्वाहिश होगी
देखिएगा बस कुछ ही दिनों में
बारिश होगी !!!