Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Apr 2021 · 1 min read

बारिश

गरज रहे आज बादल फिर
बरस रहे आज बादल फिर
है आज मौसम बड़ा बईमान
याद आ रहा आज सनम फिर।।

है मौसम की ये बेइमानी
या कोई सुरूर छाया है कहीं
आ रही बारिश में भी मुझे
उसके पायल की आवाज़ कहीं।।

धरती को छोड़ा था बादल ने
उसका दुख मना रहा है शायद
अश्रु अब रुक नहीं पा रहे उसके
बारिश बनके बरस रहे है शायद।।

बारिश का इंतजार था
इस धरा की दरारों को
ढूंढ रही थी नई कोंपले भी
चंद बारिश की बूंदों को।।

गर्जना इन बादलों की
काफी डरावनी थी
खत्म होते ही बारिश के
हवाएं बड़ी सुहावनी थी।।

बादल की चाहत जो थी
वो धरती में समाने की थी
अब वो भी पूरी हो गई थी
धरती भी अब भीग गई थी।।

अब तो धूप खिल रही थी
हर तरफ उजाला दिख रहा था
दूर पहाड़ी पर जो घर था
अब वो भी साफ दिख रहा था।।

Language: Hindi
9 Likes · 3 Comments · 419 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
View all
You may also like:
ना नींद है,ना चैन है,
ना नींद है,ना चैन है,
लक्ष्मी सिंह
अपनी क्षमता का पूर्ण प्रयोग नहीं कर पाना ही इस दुनिया में सब
अपनी क्षमता का पूर्ण प्रयोग नहीं कर पाना ही इस दुनिया में सब
Paras Nath Jha
सच और सोच
सच और सोच
Neeraj Agarwal
--बेजुबान का दर्द --
--बेजुबान का दर्द --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
*पद का मद सबसे बड़ा, खुद को जाता भूल* (कुंडलिया)
*पद का मद सबसे बड़ा, खुद को जाता भूल* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
👍कमाल👍
👍कमाल👍
*प्रणय प्रभात*
हर रोज़ मेरे ख़्यालों में एक तू ही तू है,
हर रोज़ मेरे ख़्यालों में एक तू ही तू है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिंदगी को मेरी नई जिंदगी दी है तुमने
जिंदगी को मेरी नई जिंदगी दी है तुमने
इंजी. संजय श्रीवास्तव
3242.*पूर्णिका*
3242.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
“मत लड़, ऐ मुसाफिर”
“मत लड़, ऐ मुसाफिर”
पंकज कुमार कर्ण
तू है तो फिर क्या कमी है
तू है तो फिर क्या कमी है
Surinder blackpen
"गमलों में पौधे लगाते हैं,पेड़ नहीं".…. पौधों को हमेशा अतिरि
पूर्वार्थ
उन सड़कों ने प्रेम जिंदा रखा है
उन सड़कों ने प्रेम जिंदा रखा है
Arun Kumar Yadav
तुम्हारा जिक्र
तुम्हारा जिक्र
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
शरद पूर्णिमा की देती हूंँ बधाई, हर घर में खुशियांँ चांँदनी स
शरद पूर्णिमा की देती हूंँ बधाई, हर घर में खुशियांँ चांँदनी स
Neerja Sharma
युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझे
युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"बचपन"
Dr. Kishan tandon kranti
सड़क जो हाइवे बन गया
सड़क जो हाइवे बन गया
आर एस आघात
तेरी - मेरी कहानी, ना होगी कभी पुरानी
तेरी - मेरी कहानी, ना होगी कभी पुरानी
The_dk_poetry
नाम:- प्रतिभा पाण्डेय
नाम:- प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
Pratibha Pandey
मैंने आईने में जब भी ख़ुद को निहारा है
मैंने आईने में जब भी ख़ुद को निहारा है
Bhupendra Rawat
कौन सुने फरियाद
कौन सुने फरियाद
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
कविता
कविता
Shweta Soni
ईश्वर के प्रतिरूप
ईश्वर के प्रतिरूप
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अपराजिता
अपराजिता
Shashi Mahajan
" महखना "
Pushpraj Anant
हम हो जायेंगें दूर तूझसे,
हम हो जायेंगें दूर तूझसे,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
नव वर्ष मंगलमय हो
नव वर्ष मंगलमय हो
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जीवन के कुरुक्षेत्र में,
जीवन के कुरुक्षेत्र में,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
संघर्ष की राहों पर जो चलता है,
संघर्ष की राहों पर जो चलता है,
Neelam Sharma
Loading...