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24 Sep 2016 · 1 min read

बारिश(कविता)

बारिश/मंदीप

किसी के लिए वरदान बारिश,
किसी के लिए मातम बारिश।

गरीब की झोपडी टपकने लगे,
उस के लिए दुःख की बारिश।

मरी फसलो को जिन्दा कर दे,
उस किसान के लिए सुख की बारिश।

नालियो,गलियों में जमा पानी,
सरकार की पोल खोलती बारिश।

बिंगो दे अपनी ठंडी बूंदों से,
बचपन की याद दिलाती बारिश।

मंदीपसाई

Language: Hindi
815 Views
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