Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jul 2022 · 1 min read

*बारिश: सात शेर*

बारिश: सात शेर
_________________________
1
हमें इन बारिशों को देखकर अच्छा नहीं लगता
हमारे घर की छत इनकी वजह से ही टपकती है
2
जहाँ बारिश हुई, पंखों को फैला नाचने लगते
तुम्हारा भाग्य है यह मोर! तुम जंगल में रहते हो
3
जुदा तुमसे हुए तो उस समय बरसात थी, वरना
ये आँसू किसलिए आए, जमाने को क्या बतलाते
4
टपकती छत, हैं नाले बन्द, सड़कों पर भरा पानी
इसे देहात की भाषा में हम बरसात कहते हैं
5
ये अच्छा ही हुआ बरसात सबको मुफ्त मिलती है
कहाँ वरना गरीबों को ये मिलता जश्न कुदरत का
6
कभी लगता है जैसे बारिशें उत्सव मनाती हैं
कभी कुछ डर भी लगता है, कभी तकलीफ होती है
7
न जाने कौन-सी बरसात में जाकर नहाया था
कि पहले की तरह ही अब भी मैं सूखा का सूखा हूँ
_________________________
रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
Tag: शेर
137 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
तहरीर
तहरीर
DR ARUN KUMAR SHASTRI
■ चुनावी साल के चतुर चुरकुट।।
■ चुनावी साल के चतुर चुरकुट।।
*प्रणय प्रभात*
"राष्टपिता महात्मा गांधी"
Pushpraj Anant
नयन
नयन
डॉक्टर रागिनी
प्रकट भये दीन दयाला
प्रकट भये दीन दयाला
Bodhisatva kastooriya
ना तो हमारी तरह तुम्हें कोई प्रेमी मिलेगा,
ना तो हमारी तरह तुम्हें कोई प्रेमी मिलेगा,
Dr. Man Mohan Krishna
*कभी लगता है : तीन शेर*
*कभी लगता है : तीन शेर*
Ravi Prakash
ये इंसानी फ़ितरत है जनाब !
ये इंसानी फ़ितरत है जनाब !
पूर्वार्थ
!! प्रार्थना !!
!! प्रार्थना !!
Chunnu Lal Gupta
चूल्हे की रोटी
चूल्हे की रोटी
प्रीतम श्रावस्तवी
जन पक्ष में लेखनी चले
जन पक्ष में लेखनी चले
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अंतस के उद्वेग हैं ,
अंतस के उद्वेग हैं ,
sushil sarna
एक हैसियत
एक हैसियत
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ख्याल नहीं थे उम्दा हमारे, इसलिए हालत ऐसी हुई
ख्याल नहीं थे उम्दा हमारे, इसलिए हालत ऐसी हुई
gurudeenverma198
योग इक्कीस जून को,
योग इक्कीस जून को,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
पीताम्बरी आभा
पीताम्बरी आभा
manisha
अफसोस
अफसोस
Dr. Kishan tandon kranti
बाल शिक्षा कविता पाठ / POET : वीरचन्द्र दास बहलोलपुरी
बाल शिक्षा कविता पाठ / POET : वीरचन्द्र दास बहलोलपुरी
Dr MusafiR BaithA
साहिल पर खड़े खड़े हमने शाम कर दी।
साहिल पर खड़े खड़े हमने शाम कर दी।
Sahil Ahmad
अपनी अपनी बहन के घर भी आया जाया करो क्योंकि माता-पिता के बाद
अपनी अपनी बहन के घर भी आया जाया करो क्योंकि माता-पिता के बाद
Ranjeet kumar patre
मोहब्बत शायरी
मोहब्बत शायरी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
चलिये उस जहाँ में चलते हैं
चलिये उस जहाँ में चलते हैं
हिमांशु Kulshrestha
एक युवक की हत्या से फ़्रांस क्रांति में उलझ गया ,
एक युवक की हत्या से फ़्रांस क्रांति में उलझ गया ,
DrLakshman Jha Parimal
हम भारतीयों की बात ही निराली है ....
हम भारतीयों की बात ही निराली है ....
ओनिका सेतिया 'अनु '
विनम्रता, सादगी और सरलता उनके व्यक्तित्व के आकर्षण थे। किसान
विनम्रता, सादगी और सरलता उनके व्यक्तित्व के आकर्षण थे। किसान
Shravan singh
बदलते रिश्ते
बदलते रिश्ते
Sanjay ' शून्य'
इतना हमने भी
इतना हमने भी
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी हमने जी कब,
जिंदगी हमने जी कब,
Umender kumar
आहट बता गयी
आहट बता गयी
भरत कुमार सोलंकी
3510.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3510.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
Loading...