Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jul 2020 · 1 min read

बारिश को आने दो..

बीत गया है सावन,
सुखी नदी पड़ी है,
पपीहे की पीहू-पीहू,
देखो व्याकुलता की घड़ी है ।
बादल उमड़-उमड़ कहे, रुको अभी बरसुँगा ।
बारिश को आने दो, मैं तुम्हें पानी दूँगा ।।

डूब गया हूँ कर्ज़ तले,
फ़सलें भी हुई चौपट,
साहूकार का ब्याज़ चढ़ रहा,
मेरे घर की चौखट ।
अपने सर का भार, किस के सर रखूँगा ।
बारिश को आने दो, मैं तुम्हें पानी दूँगा ।।

फ़सल बेचकर कर्ज़ उतारूँ
इस वर्ष हमारे अरमान बड़े थे,
बिन पानी बरबाद हो गए,
फ़िर कर्ज़ लेने को तैयार खड़े थे,
करना सबका कल्याण,अब ये निश्चय मैं लूँगा ।
बारिश को आने दो, मैं तुम्हें पानी दूँगा ।।

Language: Hindi
7 Likes · 4 Comments · 328 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Perceive Exams as a festival
Perceive Exams as a festival
Tushar Jagawat
4643.*पूर्णिका*
4643.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिसे सुनके सभी झूमें लबों से गुनगुनाएँ भी
जिसे सुनके सभी झूमें लबों से गुनगुनाएँ भी
आर.एस. 'प्रीतम'
बड़े दिनों से चढ़ा है तेरे प्यार का नसा।
बड़े दिनों से चढ़ा है तेरे प्यार का नसा।
Diwakar Mahto
आखिर मैं हूं ऐसी क्यों
आखिर मैं हूं ऐसी क्यों
Lovi Mishra
TDTC / - Thiên Đường Trò Chơi là một cổng game bài đổi thưởn
TDTC / - Thiên Đường Trò Chơi là một cổng game bài đổi thưởn
tdtcpress1
Wait ( Intezaar)a precious moment of life:
Wait ( Intezaar)a precious moment of life:
पूर्वार्थ
जब कोई व्यक्ति विजेता बनने से एक प्वाइंट या एक अंक ही महज दू
जब कोई व्यक्ति विजेता बनने से एक प्वाइंट या एक अंक ही महज दू
Rj Anand Prajapati
उन्हें क्या सज़ा मिली है, जो गुनाह कर रहे हैं
उन्हें क्या सज़ा मिली है, जो गुनाह कर रहे हैं
Shweta Soni
दिल के रिश्तों को संभाले रखिए जनाब,
दिल के रिश्तों को संभाले रखिए जनाब,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Waiting for vibes and auras to match with the destined one.
Waiting for vibes and auras to match with the destined one.
Chaahat
'ਸਾਜਿਸ਼'
'ਸਾਜਿਸ਼'
विनोद सिल्ला
"हैसियत"
Dr. Kishan tandon kranti
*गाओ हर्ष विभोर हो, आया फागुन माह (कुंडलिया)
*गाओ हर्ष विभोर हो, आया फागुन माह (कुंडलिया)
Ravi Prakash
मानवता
मानवता
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
एक जमाना था...
एक जमाना था...
Rituraj shivem verma
बहारें तो आज भी आती हैं
बहारें तो आज भी आती हैं
Ritu Asooja
विश्व कविता दिवस
विश्व कविता दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
भारत हमारा
भारत हमारा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मिन्नते की थी उनकी
मिन्नते की थी उनकी
Chitra Bisht
तुमसे मिलने पर खुशियां मिलीं थीं,
तुमसे मिलने पर खुशियां मिलीं थीं,
अर्चना मुकेश मेहता
3) “प्यार भरा ख़त”
3) “प्यार भरा ख़त”
Sapna Arora
बाघ संरक्षण
बाघ संरक्षण
Neeraj Agarwal
जीत सकते थे
जीत सकते थे
Dr fauzia Naseem shad
छाता
छाता
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
--: पत्थर  :--
--: पत्थर :--
Dhirendra Singh
कुछ फूल तो कुछ शूल पाते हैँ
कुछ फूल तो कुछ शूल पाते हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मेरी कलम आज बिल्कुल ही शांत है,
मेरी कलम आज बिल्कुल ही शांत है,
Ajit Kumar "Karn"
अब हमारे देश में
अब हमारे देश में "नाबालिग़" का मतलब है "लाइसेंस होल्डर क्रिमि
*प्रणय*
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
VINOD CHAUHAN
Loading...