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5 Mar 2020 · 1 min read

” बारिश की बूंदें “

ये जो बारिश की बूंदें है ,
गगन से धरती पर गिरे जा रही है ।
तुम्हें तो नहीं लेकिन ,
तुम्हारी सौगात ला रही है ।।

ये जो बारिश की बूंदें है ,
तन को भिगोए जा रही है ।
तुम तो कुछ कहते नहीं लेकिन ,
तुम्हारी मन के गीत ये गुनगुना रही है ।।

ये जो बारिश की बूंदें है ,
जमीं पर गिर के बिखर जा रही है ।
तुम तो बयां करते नहीं लेकिन ,
तुम्हारा हाले दिल मुझे महसूस करा रही है ।।

ये जो बारिश की बूंदें है ,
पत्तियों पर गिर शबनम बिखेरे जा रही है ।
तुम तो पास हो नहीं लेकिन ,
तुम्हारे प्यार का एहसास करा रही है ।।

? धन्यवाद ?

✍️ ज्योति ✍️
नई दिल्ली

3 Likes · 2 Comments · 319 Views
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