बारिश की ऐ बुँदे
बारिश की ऐ बुँदे
यादों को ऐ ढूँढे
कब होंगी धरा से मुलाकाते
करती हैं हवा से बातें
मिलने को वो सदा तरसे
बारिश की ऐ बुँदे….!
साल भर वो तड़पे,
सागर से वो निकले,
आसमानमें आके बादलमें समाके
बिजली से वो डरके,
निकले चुप चुपके,
प्यार को वो तलसे,
बारिश की ऐ बुँदे….!!
दर्दको वो भरके धरा से जब ऐ लपके,
खुशी के गीत वो गाये,
मौसम को बहकावे,
मिट्टीमें मिलके खुद को बिखेरे,
शोर वो मचाये,
बारिश की ऐ बुँदे….!!!
खुशियाँ वो बाटे,
हरियाली वो लाये,
सृष्टि को वो भाये,
जीवों को वो लुभाये,
जगमे प्यार ही… प्यार बाटें
बारिश की ऐ बुँदे……