Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jun 2023 · 1 min read

*बारिश का मौसम है प्यारा (बाल कविता)*

बारिश का मौसम है प्यारा (बाल कविता)
—————————————-
1
भीगा-भीगा है जग सारा
बारिश का मौसम है प्यारा
2
काले-काले बादल गरजे
लगता जैसे हमें पुकारा
3
आसमान से गिरती बूँदें
अद्‌भुत है यह एक नजारा
4
कुऍं जिस तरह मीठे-खारे
क्या बादल भी मीठा-खारा
5
कीचड़-गड्‌ढे-जलभराव से
बारिश का मौसम है हारा
—————————————-
रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

517 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
आखिरी ख्वाहिश
आखिरी ख्वाहिश
Surinder blackpen
दीवानगी
दीवानगी
Shyam Sundar Subramanian
शिव की बनी रहे आप पर छाया
शिव की बनी रहे आप पर छाया
Shubham Pandey (S P)
विद्या-मन्दिर अब बाजार हो गया!
विद्या-मन्दिर अब बाजार हो गया!
Bodhisatva kastooriya
माँ की आँखों में पिता / मुसाफ़िर बैठा
माँ की आँखों में पिता / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
- मेरी मोहब्बत तुम्हारा इंतिहान हो गई -
- मेरी मोहब्बत तुम्हारा इंतिहान हो गई -
bharat gehlot
दिवाली मुबारक नई ग़ज़ल विनीत सिंह शायर
दिवाली मुबारक नई ग़ज़ल विनीत सिंह शायर
Vinit kumar
आविष्कार एक स्वर्णिम अवसर की तलाश है।
आविष्कार एक स्वर्णिम अवसर की तलाश है।
Rj Anand Prajapati
मौसम का क्या मिजाज है मत पूछिए जनाब।
मौसम का क्या मिजाज है मत पूछिए जनाब।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
योग दिवस पर
योग दिवस पर
डॉ.सीमा अग्रवाल
माँ
माँ
Dr Archana Gupta
ऐसे कैसे छोड़ कर जा सकता है,
ऐसे कैसे छोड़ कर जा सकता है,
Buddha Prakash
■ महसूस करें तो...
■ महसूस करें तो...
*Author प्रणय प्रभात*
परिवार
परिवार
Neeraj Agarwal
जूते और लोग..,
जूते और लोग..,
Vishal babu (vishu)
*मुश्किल है इश्क़ का सफर*
*मुश्किल है इश्क़ का सफर*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*आओ ढूॅंढें अपने नायक, अपने अमर शहीदों को (हिंदी गजल)*
*आओ ढूॅंढें अपने नायक, अपने अमर शहीदों को (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
फायदे का सौदा
फायदे का सौदा
ओनिका सेतिया 'अनु '
वचन दिवस
वचन दिवस
सत्य कुमार प्रेमी
श्रृंगार
श्रृंगार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अतिथि हूं......
अतिथि हूं......
Ravi Ghayal
चाय-समौसा (हास्य)
चाय-समौसा (हास्य)
दुष्यन्त 'बाबा'
जलने वालों का कुछ हो नहीं सकता,
जलने वालों का कुछ हो नहीं सकता,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हो गरीबी
हो गरीबी
Dr fauzia Naseem shad
*Hey You*
*Hey You*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
2489.पूर्णिका
2489.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
देह खड़ी है
देह खड़ी है
Dr. Sunita Singh
दोहा- अभियान
दोहा- अभियान
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सुबह आंख लग गई
सुबह आंख लग गई
Ashwani Kumar Jaiswal
Loading...