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29 Jul 2020 · 1 min read

बारिशें लाई है

इन पथ्थरों को भी सिखा दो मुस्कुराना कोई।
मुद्दतों से जलने की इन्होनें एक सजा पाई है।

दे दे काश इन्हें भी कोई भीगने का बहाना कोई।
ये हवा अपने साथ कुछ बादल- बारिशें लाई है।

लिख पाते तो हर एक पे तेरा नाम होता ए खुदा!
बदकिस्मती इनकी कुछ ही ने ये किस्मत पाई है।
शशि “मंजुलाहृदय”

5 Likes · 2 Comments · 434 Views
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