बाबू जी
कभी अभिमान हैं बाबूजी, स्वाभिमान है बाबू जी!
कभी धरती हैं बाबूजी कभी आसमान है बाबू जी!
कभी हंसी हैं बाबूजी और अनुशासन है बाबू जी!
कभी मौन हैं बाबूजी तो कभी भाषण है बाबू जी!
कभी रोटी हैं बाबू जी तो कभी पानी हैं बाबू जी!
मेरा घर जिस से चलता हैं वो राशन हैं बाबू जी!
कभी ख़्वाब हैं बाबू जी तो जिम्मेदार है बाबू जी!
जन्म दिया अम्मा ने, जग की पहचान है बाबू जी!
कभी जान हैं बाबूजी उसका* वरदान है बाबू जी!
जो हर समस्या को हरले वो समाधान है बाबू जी!
✒ Anoop S
Moradabad
Uttar Pradesh
*भगवान