Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Apr 2022 · 1 min read

बाबू जी

कभी अभिमान हैं बाबूजी, स्वाभिमान है बाबू जी!
कभी धरती हैं बाबूजी कभी आसमान है बाबू जी!

कभी हंसी हैं बाबूजी और अनुशासन है बाबू जी!
कभी मौन हैं बाबूजी तो कभी भाषण है बाबू जी!

कभी रोटी हैं बाबू जी तो कभी पानी हैं बाबू जी!
मेरा घर जिस से चलता हैं वो राशन हैं बाबू जी!

कभी ख़्वाब हैं बाबू जी तो जिम्मेदार है बाबू जी!
जन्म दिया अम्मा ने, जग की पहचान है बाबू जी!

कभी जान हैं बाबूजी उसका* वरदान है बाबू जी!
जो हर समस्या को हरले वो समाधान है बाबू जी!

✒ Anoop S
Moradabad
Uttar Pradesh

*भगवान

12 Likes · 22 Comments · 1046 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तमन्ना है तू।
तमन्ना है तू।
Taj Mohammad
विचारों को पढ़ कर छोड़ देने से जीवन मे कोई बदलाव नही आता क्य
विचारों को पढ़ कर छोड़ देने से जीवन मे कोई बदलाव नही आता क्य
Rituraj shivem verma
कत्ल खुलेआम
कत्ल खुलेआम
Diwakar Mahto
वरदान है बेटी💐
वरदान है बेटी💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तेरे मेरे दरमियाँ ये फ़ासला अच्छा नहीं
तेरे मेरे दरमियाँ ये फ़ासला अच्छा नहीं
अंसार एटवी
कोशिश है खुद से बेहतर बनने की
कोशिश है खुद से बेहतर बनने की
Ansh Srivastava
ज़िंदगी की
ज़िंदगी की
Dr fauzia Naseem shad
सब कुछ बदल गया,
सब कुछ बदल गया,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
तू है तो फिर क्या कमी है
तू है तो फिर क्या कमी है
Surinder blackpen
पैसे कमाने के लिए लोग नीचे तक गिर जाते हैं,
पैसे कमाने के लिए लोग नीचे तक गिर जाते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
🙅अपडेट🙅
🙅अपडेट🙅
*प्रणय*
4) धन्य है सफर
4) धन्य है सफर
पूनम झा 'प्रथमा'
"भोपालपट्टनम"
Dr. Kishan tandon kranti
*बिखरा सपना  संग संजोया*
*बिखरा सपना संग संजोया*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
4743.*पूर्णिका*
4743.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जो लिख रहे हैं वो एक मज़बूत समाज दे सकते हैं और
जो लिख रहे हैं वो एक मज़बूत समाज दे सकते हैं और
Sonam Puneet Dubey
आप सुनो तो तान छेड़ दूं
आप सुनो तो तान छेड़ दूं
Suryakant Dwivedi
मैं भारत की बेटी...
मैं भारत की बेटी...
Anand Kumar
दूसरे का चलता है...अपनों का ख़लता है
दूसरे का चलता है...अपनों का ख़लता है
Mamta Singh Devaa
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
To my old self,
To my old self,
पूर्वार्थ
हार का प्रमुख कारण मन का शरीर से कनेक्शन टूट जाना है।
हार का प्रमुख कारण मन का शरीर से कनेक्शन टूट जाना है।
Rj Anand Prajapati
शीर्षक- तुम बनाओ अपनी बस्ती, हमसे दूर
शीर्षक- तुम बनाओ अपनी बस्ती, हमसे दूर
gurudeenverma198
ज़िंदगी के तजुर्बे खा गए बचपन मेरा,
ज़िंदगी के तजुर्बे खा गए बचपन मेरा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ऐ भाई - दीपक नीलपदम्
ऐ भाई - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
तर्क-ए-उल्फ़त
तर्क-ए-उल्फ़त
Neelam Sharma
बुंदेली दोहा- चंपिया
बुंदेली दोहा- चंपिया
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जो सृजन करता है वही विध्वंश भी कर सकता है, क्योंकि संभावना अ
जो सृजन करता है वही विध्वंश भी कर सकता है, क्योंकि संभावना अ
Ravikesh Jha
रमेशराज के 7 मुक्तक
रमेशराज के 7 मुक्तक
कवि रमेशराज
अपने कदमों को बढ़ाती हूँ तो जल जाती हूँ
अपने कदमों को बढ़ाती हूँ तो जल जाती हूँ
SHAMA PARVEEN
Loading...