बाबुल मेरे मत मार मुझे
बाबुल मेरे मत मार मुझे
मुझको संसार में आना है
मैं बोझ नहीं हु जगबालो आकरके मुझे बताना है
बेटे की चाहत मैं मुझको ,क्यों गर्व मैं ही मरवाते हो
सोचो गर हम नहीं रही ,बेटे को बहु भी लाना है ..
तुम भी तो किसी की कोख मैं थे ,वो माँ भी तो एक नारी है ,
नारी है तो नारायण है ,संसार को ये बतलाना है ….
भाई की कलाई सूनी है ,बिन बहिन कहा रक्षाबंधन
बेटी है तो घर रौनक है ,बिटिया खुशियो का खजाना है …
जिसके संग तेरे फेरे है पड़े ,जो पग पग तेरी साथी है
सम्मान करो उस नारी का ,जीवन जिस संग बिताना है …
बेटी बेटो से कम तो नहीं ,बेटी हर वर्ग मैं आगे है
करे ईर्ष्या द्वेष निरादर जो ऐसे नर बड़े अभागे है
कवी राज कहे सुन जगबालो बेटी को खूब पढ़ाना है ,,