बाबुल की बेटियाँ
*** बाबुल की बिटिया ***
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बाबुल की आँखों की प्यारी
बिटिया होती बहुत दुलारी
लाड़ प्यार में पाली जाती
होती सारे जग से न्यारी
पिता के दिल का टुकड़ा है
बाप जाए सदा बलिहारी
कुदरत की रचना है उत्तम
जाती है सदा वह सत्कारी
नाज नखरे होते हैं प्यारे
जनक होती है राजदुलारी
फूलों से आंगन महकाती
खिलती घर की फुलवारी
आँच कभी ना आने देता
पितृ बने ढाल तेज धारी
तात की नींद है उड़ जाती
ओझल हो जो बेटी प्यारी
यौवन में जोबन खिल जाए
बापू करता चिन्तन भारी
तनया डोली चढ़ जाती है
विदा करे नम आँखे भारी
चारो पहर यादें सताती
खुशियां है ले जाती सारी
पराई तनूजा हो तन से
मन में रहती यादें प्यारी
पति घर में हो खुशहाली
होता सदैव ईश्वर आभारी
सीना पहाड़ी टूट जाता
तंगहाली में हो जो बेचारी
बाप बेटी रिश्ता है भावुक
सुखविंद्र सर्वोत्तम संसारी
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)