– बाबुल का आंगन एक दिन तुम्हे छोड़ना पड़ेगा –
– बाबुल का आंगन एक दिन तुम्हे छोड़ना पड़ेगा –
आंगन की चिड़िया हो तुम,
हो बाबुल की लाडली,
भाईयो की तुम जान लो,
पिता का स्वाभिमान हो,
बहनों का तुम दुलार हो,
अपनो का संसार हो तुम,
तुमसे ही है परिवार की आन – बान और शान,
तुम्हारे मन में बसता है,
अपना घर परिवार,
लेकिन बाबुल का आंगन एक दिन तुम्हे छोड़ना पड़ेगा,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क -7742016184