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2 Mar 2021 · 1 min read

बाबा साहेब की क़लम

बाबा साहेब ने ऐसी जो कलम चलाई,
मिले न्याय और मिटे राजा रजवाई,।

पहले लाचार थे सब खूब चली रजवाई,
बाबा साहेब की बदोलत अब घर घर बंधाई,।

पहले औरन हमसे खूब होत थी बुराई,
बाबा साहेब ने हमकों अब कुर्सी दिलाई,।

कहीं बाबा ने सबसे कहें अब हम भी भाई,
पढ़ लिख लो और तुम जासे होत हैं भलाई,।

बाबा दे गए जो हक़ तुम्हें,
कई कुर्बानियां लुटाईं,।

भईया कह रहे हैं तुमसें सुनो ऐ भाई,
जो घिरणा थी हमसें वो बाबा साहेब ने मिटाई,।

बाबा साहेब ने ऐसी जो कलम चलाई,
मिले न्याय और मिटे राजा रजवाई,।

मानव की करें पहचान वो मानव कहलाई,
जिसको नहीं हैं पहचान वो कर हैं लड़ाई,।

पढ़ लिख लो तुम जासे,
मिले पहले सम्मान पाई,।

लिख रहें जयविंद भईया ,
ऐसी खूब क़लम चलाई,।

बाबा साहेब ने ऐसी जो कलम चलाई,
मिले न्याय और मिटे राजा रजवाई,।

पहले लाचार थे सब खूब चली रजवाई,
बाबा साहेब की बदोलत अब घर घर बंधाई,।।

Writer-Jayvind Singh Ngariya Ji

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 611 Views

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