बाबा भक्त हास्य कटाक्ष
बाबा-जे सब मैथिली मानक भजे तेकरे साहित्य अकादमी,पुरूस्कार, संयोजक रूपे कब्जा रहे?
भक्त- प्रेम स कहियौ पेटपोसुआ पुरूस्कारी काका बाबा की जय? (हे जय त जय. हो. हो. हो.)
बाबा- हौ कारीगर हम तोरा देह पर मैथिली मानक वला कोठी खसा देबह?
भक्त- फेर त हमहूँ खांटी (समावेशी) मैथिली वला खंती स अहूँ के ओंघरा देब की?
बाबा- एं हौ पेट भरलह की बोकरै लगलह?
भक्त-हं हं अपना त सूखल चूरा स पेट नै भरल त ढण ढण पदै छी? सेेहो कहियौ ने?
बाबा- हे सोलकन,राड़, छोटका जाति?
भक्त- इह पेटपोसकन, महाराड़,विखपदका जाति?
बाबा- ई मैथिली भाषाक संग षडयंत्र थिक?
भक्त-इह अपने अहां षडयंत्र करली?
बाबा- मैथिली मे संस्कृतक फोरन केलियै? हौ भेलै ने महो महो?
भक्त- हं तंइ ने अंगिका बज्जिका, ठेठी अलग हो रहलै तब कैले कच्छर कटै ही?होलै ने दहो महो?
बाबा- मिथिला मे सोलकन कोनो जाति नै छै? आ नै रहलै?
भक्त- मैथिली महासभा दुआरा (सोति बाभन, कायस्थ) के छोड़ि सब जाति के सोलकन बना देल गेल आ जबरदस्ती एकरा सबहक भाषा के राड़ बोली कहलकै
बाबा-मैथिली सुडाह भऽ जाउ की खंड बिखंड, हम मानक,सिहांसन, किए छोड़ब?
भक्त- यथार्थ क आगि मे आब पेटपोसुआ सिंहासन आ अंहू झड़ैक जाएब की?
बाबा- सबटा मैथिलीए छियै हो हो. लागल रहअ होहकारी सब?आ लोक के गारा दबा ठकैत रहक की ने हौ?
भक्त- षड्यन्त्र सब दिन मैथिली वला केलकै आ दोष अनकर? उपदेशी पेटपोसुआ गोंसाइ सब?
बाबा- मिथिला मैथिली अखनो तक जातिवादी चक्करफांस मे ओझराएल मरि रहलै?
भक्त- आ लोक चुरनुकबा बनल सब दिन तमस्सा टा देखै मे रहलै? आ भवडाह केहेन सबहक मैथिली?
बाबा-मधुबनी पेंटिग जेंका मैथिली साहित्यक नाम बदैल दैड़भंगा मधमनी साहित्य भऽ जैतै?
भक्त-तब त एतुका लोक धरती मे पैर रोपब बन्न क दैतै की?
बाबा- सरजू मे जल समाधि वला ढोंगी पाखंडी जीबते छै की लाजे पराण छुटि गेलै हौ?
भक्त- आई 3 तारीख भऽ गेल आ कठियारीयो जेबाक हकार नै आएल? गैंरखच्चर पाखंडी?
©किशन कारीगर