बापू तुम्हें आना ही होगा
बापू तुम्हें आना ही होगा
सत्य अहिंसा वाली दांडी
एक बार फिर घूमना ही होगा
हिंसा पर लगाम नहीं अबके
सचाई-अच्छाई बंदनी बनी बैठी है
शांति और सौहाद्र की बातें
फिर धरातल पर लाना ही होगा
बापू तुम्हें आना ही होगा
झूठे कपटी अब बैठें हैं
ऊंचे बड़े सिहांसन पर
सच्चे अच्छे लोगों को
नजर बंद वो करवातें हैं
मानवता को छलतें हैं
झूठों को छाया देतें हैं
बैरी नहीं बाहर के वो
अपने हैं सगे बाले
एक चेहरे के पीछे
सौ-सौ चेहरे रखने वाले
गरीबों के पेटों पे लात मार के
अपना घर भरने बाले
अल्लाह और राम के नाम पे
दहशत गर्दी करने बाले
ऐसे विधर्मियों,दुष्कर्मियों को
तुम्हें राह पे लाना ही होगा
बापू तुम्हे आना ही होगा
राम जो बसते थे
कंठ और जीबन में तुम्हारे
उस राम को फिर जन-जन से
मिलवाना ही होगा
बापू तुम्हे आना ही होगा