बाधा दौड़
दो पैर वाला जानवर
चार पैरों वाले जानवर से तेज दौड लेता है.
कभी दो
तो कभी चार पैर वाले जानवर
इन दोनों से ज्यादा.
अपनी पादांगुलियों के सहारे
ज्यादा अच्छा कर लेते है.
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इसी बात से चीढ़ कर मनुष्य ने.
बाधा दौड़ का आयोजन आरंभ कर दिया है.
इसमें सिर्फ़ वे ही भाग ले सकते है.
और भाग दौड रहे हैं.
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भले उससे आगे कौन.
मन के अध्ययन बिन.
प्रतियोगिता की आड़ में
इंसानियत शर्मसार होती रहेगी.
भूखे को रोटी.
प्यासे को पानी
तन ढकने को कपडे.
सिर ढकने को छाया.
बामुश्किल है,
जरूरतमंद तक पहुंच पाना.
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डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस