बाधायें भी हार मान ले, आगे बढ़ते जाना है
मुश्किल कितनी भी आ जाये, तुमको ना घबराना है
बाधायें भी हार मान ले, आगे बढ़ते जाना है
मन हारा तो जग हारे तुम
मन से हार नहीं जाना
जब तक हिम्मत है लड़ना तुम
मन की ताकत दिखलाना
पंख हौसलों के ले साथी, अम्बर उड़ते जाना है
बाधायें भी हार मान ले, आगे बढ़ते जाना है
कभी विपत्ति जो आ जाये
हिम्मत रख आगे बढ़ना
रात के बाद ही दिन होता है
सूरज बन फिर से उगना
आशाओं के दीप जलाकर, तम को हरते जाना है
बाधायें भी हार मान ले, आगे बढ़ते जाना है
हार मिले तो सीख मिलेगी
राह नई फिर भी दिखती
कोशिश तब तक करते रहना
जब तक जीत नहीं मिलती
मेहनत से सुन सारे सपने, पूरे करते जाना है
बाधायें भी हार मान ले, आगे बढ़ते जाना है
कभी थको तो हार न जाना
सही राह चलते जाना
बीच भँवर में फँसी हो नैया
लहरों से टकरा जाना
हारी बाज़ी जीत के साथी, विजयी बनते जाना है
बाधायें भी हार मान ले, आगे बढ़ते जाना है
लोधी डॉ. आशा ‘अदिति’
बैतूल