बाधाओं से लड़ना होगा
संघर्षों के जीवन रण में
बाधाओं से लड़ना होगा।
ठोकर पग पग पर रोकेगी
सहकर आगे बढ़ना होगा।
जंगम से रस्तों पर तुमको,
एक अकेले चलना होगा।
…..……….बाधाओं से लड़ना होगा ।।
सुनो मुसाफ़िर पथ में तुमको
ठंडी छाया नहीं मिलेगी।
सीधे रस्ते समतल भूमि
झरने नदियां नहीं मिलेगी।
दुर्गम पर्वत राह मिलेंगे
साहस रखकर चढ़ना होगा।
…..……….बाधाओं से लड़ना होगा ।।
कर्तव्यों की बलि वेदी पर,
शीश काटकर धरना होगा।
जीवन एक यज्ञ की वेदी,
नहा के घी में जलना होगा।
रोज सुबह की नयी जंग में,
पल पल तिल तिल मरना होगा।
…..……….बाधाओं से लड़ना होगा ।।
सर पर सूरज बंजर भूमि,
तपती रेत पे चलना होगा।
लाख विफलता पथ रोकेंगी,
धीरज धर कर बढ़ना होगा।
सब अपने पथ में छूटेंगे,
फिर भी चलते रहना होगा।
…..……….बाधाओं से लड़ना होगा ।।
कभी सुखद सी राह दिखेगी,
ठंडा पानी छांव दिखेगी।
जब लहरें हिम्मत नापेगी,
लहर बीच में नांव मिलेगी।
कनक प्रलोभन से बचकर,
लक्ष्य ध्यान में धरना होगा।
…..……….बाधाओं से लड़ना होगा ।।
✍️ दशरथ रांकावत ‘शक्ति’