बाद मुद्दत के हम मिल रहे हैं
बाद मुद्दत के हम मिल रहे हैं
फिर मुहब्बत के गुल खिल रहे हैं
वक़्त ने जो उधेड़े थे सपने
साथ मिलकर उन्हें सिल रहे हैं
डॉ अर्चना गुप्ता
बाद मुद्दत के हम मिल रहे हैं
फिर मुहब्बत के गुल खिल रहे हैं
वक़्त ने जो उधेड़े थे सपने
साथ मिलकर उन्हें सिल रहे हैं
डॉ अर्चना गुप्ता