*बाद मरने के शरीर, तुरंत मिट्टी हो गया (मुक्तक)*
बाद मरने के शरीर, तुरंत मिट्टी हो गया (मुक्तक)
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बाद मरने के शरीर, तुरंत मिट्टी हो गया
मूल था जो पंचतत्व, विराट में वह खो गया
मोक्ष आत्मा को भला, किस यत्न से किसको मिला
जिसने किए थे कर्म जो, बीज वह नव बो गया
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615 451