Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Mar 2019 · 1 min read

बादल

बाल कविता (बादल)

बादल दादा आओ आओ
पानी तुम बरसा कर जाओ

रूप तुम्हारा सबसे न्यारा
हम सबको लगता है प्यारा

रंग बदल कर तुम डरपाओ
बादल दादा आओ आओ

सूरज के संग आंख मिचौली
और करते हो हंसी ठिठोली

गर्मी को ठंडा कर जाओ
बादल दादा आओ आओ

रुई के जैसे तुम लगते हो
हर दम ही चलते रहते हो

कभी तो रुक करके दिखलाओ
बादल दादा आओ आओ

तुम जो गर धरती पर होते
संग संग हम भी हंसते रोते

जोर जोर से ढोल बजाओ
बादल दादा आओ आओ

नरेन्द्र मगन, कासगंज
9411999468

Language: Hindi
452 Views

You may also like these posts

" खुशी में डूब जाते हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
Destiny
Destiny
Shyam Sundar Subramanian
मेरे अपने
मेरे अपने
Rambali Mishra
Kp
Kp
Aasukavi-K.P.S. Chouhan"guru"Aarju"Sabras Kavi
नमन नमन वसुंधरा नमन नमन तुझे वतन
नमन नमन वसुंधरा नमन नमन तुझे वतन
Dr Archana Gupta
सुनो जीजी
सुनो जीजी
MEENU SHARMA
*रामपुर रजा लाइब्रेरी में चहारबैत का आयोजन*
*रामपुर रजा लाइब्रेरी में चहारबैत का आयोजन*
Ravi Prakash
पाषाण जज्बातों से मेरी, मोहब्बत जता रहे हो तुम।
पाषाण जज्बातों से मेरी, मोहब्बत जता रहे हो तुम।
Manisha Manjari
श्याम नाम
श्याम नाम
Sonu sugandh
मैं चल पड़ा हूं कहीं.. एकांत की तलाश में...!!
मैं चल पड़ा हूं कहीं.. एकांत की तलाश में...!!
Ravi Betulwala
धर्म
धर्म
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
" घास "
Dr. Kishan tandon kranti
खो जानी है जिंदगी
खो जानी है जिंदगी
VINOD CHAUHAN
A beautiful space
A beautiful space
Shweta Soni
जीवन
जीवन
पंकज परिंदा
एक ही राम
एक ही राम
Satish Srijan
एक दिन मजदूरी को, देते हो खैरात।
एक दिन मजदूरी को, देते हो खैरात।
Manoj Mahato
# विचार
# विचार
DrLakshman Jha Parimal
3782.💐 *पूर्णिका* 💐
3782.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
I love u Mummy.
I love u Mummy.
Priya princess panwar
पदावली
पदावली
seema sharma
हिंदी साहित्य vs हिंदू साहित्य vs सवर्ण साहित्य
हिंदी साहित्य vs हिंदू साहित्य vs सवर्ण साहित्य
Dr MusafiR BaithA
शिवाजी
शिवाजी
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
ओ दूर के मुसाफ़िर....
ओ दूर के मुसाफ़िर....
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जगदम्ब भवानी
जगदम्ब भवानी
अरशद रसूल बदायूंनी
करें नही अस्तित्व का,
करें नही अस्तित्व का,
RAMESH SHARMA
इस तरह छोड़कर भला कैसे जाओगे।
इस तरह छोड़कर भला कैसे जाओगे।
Surinder blackpen
अब मज़े बाक़ी कहाँ इंसानियत के वास्ते।
अब मज़े बाक़ी कहाँ इंसानियत के वास्ते।
*प्रणय*
खो गई हो
खो गई हो
Dheerja Sharma
" पलास "
Pushpraj Anant
Loading...