बादल
आसमान के काले बादल
लगते हैं कितने जिंदादिल
अपने मे भी जोश जगाए
उड़ जाने को ज़ी ललचाये
पल -पल अपना रंग बदलकर
जीवन को रंगीन बनाये
गरज-गरज कर बारिश करते
जीवन मे अमृत रस भरते
कड़क -कड़क बिजली चमकाए
मन मे अजब रोमांच जगाये
जब-जब ये बरसा कर जाये
धरती पर हरयाली छाए
मेंढक जो निष्प्राण पड़े थे
उनमे भी जीवन भर जाये
झींगुर ने संगीत सुनाया
लगता है सावन घिर आया